Bollywood memories by Manoharji Bhatkar Part 4.....
01.05.2020
सुप्रभात 👏🙏🎩, 1 मे 1919 मशहूर गायक *मन्ना डे* जी का जन्म कोलकाता में हुआ, उनके स्मृति को विनम्र अभिवादन...🌹, उन्हें बचपन से गाने का बडा शौक था उनकी आवाज़ अच्छी थी, पढाई के बाद वह मुंबई में आये उन्हें 1943 मे फिल्म *तमन्ना* मे गाने का पहला मोका मिला, उनके सभी गाने सुपरहिट हुए चाहे *राज कपूर* जी के लिए और औरोंके लिए गायें *युगल गीत* हो या *एकल* गीत उन्होंने हिंदी के अलावा बंगाली,मराठी, गुजराती,मल्यालम और कन्नड़ मे भी सब मिलकर 3500 गीत गायें.. 🌹🌹🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, 1 मई 1913 को अदाकारा लेखक *बलराज सहानी* जी का जन्म "भेरा-पंजाब प्रांत में हुआ था,महात्मा गांधीजी के साथ उनके अच्छे सबंध थे वह भेरा से "शांति निकेतन" आये, वहाँ से वह 1941 से 44 तक इंग्लैंड BBC में काम करके वापस दिल्ली में आये *इप्टा* मे सक्रिय होनेसे "ए.के.अब्बास" जीने उन्हें 1945 मे पहला मोका दिया फिल्म का नाम था "धरती के लाल" बादमे निर्माता निर्देशक *फणी मुझुमदार-बिमल रॉय* जीने उन्हें चोटीपर पहुंचा दिया उनकी सभी फिल्मे कामयाब रही वह अच्छे लेखक थे, भारत सरकार ने उन्हें 1969 को *पद्मविभूषण* से सन्मानित कीया था .. 🌹🌹🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, 3 मई 1981 बेहतरीन अदाकारा और समाज सेविका *नर्गिस* जी का मुंबई में देहान्त हुआ, उनको *श्रद्धांजलि* अर्पित करते है 👏🌹उनकी माँ *जद्दनबाई* वोह जमाने की मशहूर संगीतकार और अभिनेत्री थी उनके वोह जमाने कें कामयाब निर्माता निर्देशक *मेहबूब खान* जी के पास भेजा उन्होंने 1935 मे बाल कलाकार के रूप में फिल्म *तकदीर* मे मोका दिया अपनी फिल्मी कारकीर्द मे उन्होंने *राज कपूर-दिलीप कुमार* जी के साथ बहुत सफल फिल्मों में काम कीया लेकिन वह जादा ध्यान मे रही *राज-नर्गिस* के दिलचस्प भुमिका में, उन्हें *फिल्म फेअर अवार्ड* के साथ *मदर इण्डिया* के लिये *नॅशनल अवार्ड* से सन्मानित कीया गया था, भारत सरकार ने उन्हें *पद्मश्री और सांसद* से नवाजा था, 11 मार्च 1958 मे *सुनिल दत्त* जी से शादी करके फिल्मों से सन्यास लिया, मुंबई में उनके परिवारों ने उनके याद में *कैन्सर हॉस्पिटल* बनाया है .... 🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩,
भावगीत गायक *अरुण दाते* यांचा जन्मदिन (जन्म : ४ मे, १९३४ )
अरुण दातेंचे वडील रामूभैय्या दाते हे इंदूरमधील प्रतिष्ठित बॅरिस्टर होते,त्याच बरोबर रसिकाग्रणी आणि गाण्याचे जाणकारही होते. त्यांच्या इच्छेनुसार अरुण दाते गायक झाले. अरुण दाते इंदूरजवळच्या धारला कुमार गंधर्वांकडे सुरुवातीला गाणे शिकले. त्यांनी पुढील शिक्षण मुंबईला के. महावीर यांच्याकडे घेतले,
अरुण दाते १९५५ पासून आकाशवाणीवर गाऊ लागले. १९६२मध्ये शुक्रतारा मंदवारा ह्या पहिल्या गीताची ध्वनिमुदिका प्रकाशित झाली. हे गाणे त्यांनी गावे यासाठी संगीत दिग्दर्शक त्यांना आग्रह करीत. आपण हिंदी भाषिक प्रदेशातील असल्याने मराठी उच्चार शुद्ध नसल्याचे कारण सांगून दाते यांनी सुरुवातीला तीन वर्षे ते गाण्याचे टाळले. शेवटी एकदा ते ध्वनिमुद्रित झाले आणि प्रचंड गाजले.त्याची पण गम्मत झाली.
आकाशवाणीच्या कमलिनी विजयकर यांच्या हाती एक भावगीत आले.त्या मध्ये गायकाचे नाव ए.आर.दाते असे होते. भावसरगम हा मराठी गाण्यांचा कार्यक्रम होता ,त्या मधे गायकाचे नाव असल्याशिवाय ते गाणे लावता येणार नव्हते म्हणून त्यांनी यशवंत देवांना त्यांचे नाव विचारले. घरात त्याचे वडील अरु म्हणून हाक मारताना त्यानीं ऐकले होते तेव्ह्ड्यावरून त्यांनी त्यांचे नाव अरुण दाते असे सांगितले आणि प्रत्यक्षातले अरविंद दाते पुढे कायमचेच अरुण दाते झाले..... त्यांचे उर्दूतील आणि मराठीतील गीतांचे पंधराहून अधिक आल्बमही लोकप्रिय आहेत. अरुण दाते यांनी लता मंगेशकर, आशा भोसले, अनुराधा पौडवाल, सुमन कल्याणपूर, सुधा मल्होत्रा,कविता कृष्णमूर्ती यांबरोबर युगुल गीते गायली आहेत. मंगेश पाडगावकर, यशवंत देव आणि अरुण दाते या अनुक्रमे कवी, संगीत दिग्दर्शक आणि गायक या त्रिकुटाने मराठी भावगीताला पुन्हा एकदा लोकप्रियता प्राप्त करून दिली.... 👏🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, 5 मई 2006 मशहूर संगीतकार *नौशाद अली* जी का मुंबई में देहांत हुआ, उनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि 👏🌹, लखनौ में जन्में नौशाद अली जीको बचपन से ही संगीत का शौक था 13 साल की उम्र में उन्होंने *उस्ताद युसुफ अली* जी से *शास्त्रीय संगीत* सीखना शुरू कीया और वे 1931 से संगीत कार्यक्रम करनें लगे, 1937 मे वह फिल्मों में काम करने के लिये मुंबई-कुलाबा में आये वहां से वह *दादर ब्रॉडवे सिनेमा* के सामने रहने लगे और उस वक़्त के मशहूर संगीतकार *खेमचंद प्रकाश* जी के सहायक बने निर्माता *ए.एस.करदार* जीने उन्हें पहला मोका 1940 मे दिया फिल्म का नाम था *प्रेमनगर* यही से *सुरैया* जी ने गानें में कदम रखा, 1942 से 1960 तक वोह फिल्म जगत के नंबर एक पर रहे, वह ऐसे पहले संगीतकार रहे जो फिल्म *आन* के लिए *एक साथ 100 म्युजिशियन* और *मुगल ए आझम* के लिये *एक साथ 100 कोरस गान* कलाकार लगाये, उनका संगीत कर्ण मधुर रहता था, वोह पियानो और ऑर्गन जादा इस्तेमाल करते थे उन्होंने *रागदारी शास्त्रीय राग* पर आधारित बहुत गाने बनाये, उन्हें फिल्म फेअर अवार्ड, 1981 मे सर्वश्रेष्ठ *दादा साहब फालके* पुरस्कार और *पद्मश्री* से नवाजा गया था...🌹
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सुप्रभात 🙏👏🎩, 09 मई 1998 मखमली आवाज़ के जादूगर मशहूर खुबशुरत गायक अभिनेता *तलत मेहमूद* जी का देहान्त मुंबई में हुआ, उन्हें *श्रद्धांजलि* अर्पित करते है 👏🌹, उन्होंने 10 साल शास्त्रीय संगीत की तालीम की और "तपन कुमार" नामसे बंगाली गीत गाने लगे, उन्होंने लखनऊ आकाशवाणी के लिये काम कीया था वह कोलकाता से मुंबई आये उन्हें हिंदी फिल्म में पहला मोका दिया मशहूर संगीतकार *अनिल बिश्वास* जीने फिल्म *आरजू* के लिये, उन्होंने 16 फिल्मों में हीरो का रोल अदा कीया था, उन्होने 40 साल की कारकीर्द मे *820 गाने* उस वक्त के संगीतकारों के पास मशहूर अभिनेताओं के लिए गाये.... 👏👏👏🌹🌹🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, 10 मई 1905 अभिनेता - गायक - संगीतकार *पंकज मलिक* जी का जन्म कोलकाता मे हुआ, उन्होंने *रवींद्रनाथ टैगोर* जी के कविता को काफी लोकप्रिय कीया, वह *रवींद्र संगीत* के जानकार थे,उन्होंने 100 के उपर बंगाली और हिंदी फिल्मों को संगीत दिया,वो जमाने में उन्होंने के.एल.सहगल, के.सी.आत्मा से गवाये गाने काफी लोकप्रिय हुए,1973 उन्हें *दादासाहेब फालके* पुरस्कार दिया गया, उन्हें *पद्मश्री* से नवाजा गया था.... 🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, मुंबई में एक *मिमिक्री* आर्टिस्ट है *गजानन नार्वेकर* हम दोनों ने मीलकर देश में अलग अलग *ऑर्केस्ट्रा ग्रुप* के साथ कार्यक्रम कीये, सिंगर *येसुदास जी* के ऑर्केस्ट्रा में सब आर्टिस्ट साऊथ इंडियन रहते थे लेकिन मिमिक्री के लिये सिर्फ़ मुंबईकर *गजानन नार्वेकर* ही रहता था, वह *फिल्मस्टार और गायक* के आवाज़ *हुबहुब * निकलता था, मुंबई के कार्यक्रम में वह *से.रेल्वे स्टेशन का माहोल* पेश करता था, चिंचपोकली से दादर-माटुंगा तक वह *सुधिर फडके* जी का गाना *देहाची तिजोरी-भजन* शुरू करता था *कुर्ला स्टेशन* आते ही माहोल बदलता था और शुरू होता था *चढता सुरज धीरे-धीरे- कव्वाली अझिज नाजा* जी के आवाज़ मे 😂🤣 , लोग टालीयोंसे दाद देते थे,,,, 👏🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, बॉलिवुड में पदार्पण मे सुपरहिट संगीत देने वाले संगीतकारों मे एक नाम है *कल्याणजी विरजी शहा* वह औरोंके पास काम करते थे, हेमंत कुमार जी के *नागिन* मे उन्होंने *क्ले व्हायोलिन पर बिन* की धुन बजाई तभी से वह चमक गये और उन्हें पहला संगीत देने का मौका 1958 मे मिला फिल्म का नाम था *सम्राट चंद्रगुप्त* ....
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सुप्रभात 👏🙏🎩, बॉलिवुड में पदार्पण मे सुपरहिट संगीत देने वाले संगीतकारों मे एक नाम है *लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल * वह औरोंके पास काम करते थे, उन्हें पहला संगीत देने का मौका 1963 मे मिला फिल्म का नाम था *पारसमणी* यह फिल्म के सभी गाने सुपर डुपर हिट हुए थे ....♥️🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, आज 17 मई 1951 को मशहूर गजल गायक *पंकज उदास* जी का जन्म राजकोट-गुजरात में हुआ था, उनके पिताजी जमींदार थे वह 1965 में परिवार के साथ दिल्ली बसें यहाँ ही पंकज जीने तबला वादन और शास्त्रीय संगीत सिखा, उनका परिवार दिल्ली से मुंबई आकर बसा यहाँ पंकज जीने *सेंट झेवियर* कॉलेज मे अपनी पढाई पुरी करके वह *कॅनडा* गये और वहाँ गजलों के कार्यक्रम करनें लगे वहाँ उन्हें बहुत कामयाबी मिली, वह मुंबई आने के बाद उन्हे संगीतकार *उषा खन्ना* जीने फिल्म *कामना* मे गाने का पहला मोका दिया बाद में चारों तरफ उन्होंने कामयाबी हासिल की, सुनिये यह गजल उन्होंने 13 अप्रैल 1984 को पहली बार *लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल* के कार्यक्रम मे पेश कीं थी....... 💕🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, 17 मई 2009 मशहूर निर्माता निर्देशक *प्रकाश मेहरा* जी का मुंबई में देहांत हुआ था, उन्होंने *शशी कपूर बबिता* के साथ पहली फिल्म बनाई *हसीना मान जायेगी* उसके बाद उन्होंने 70 80 और 90 के दशक में *जंजीर* से लेके बनाई हुई सभी फिल्मे सुपर डुपर हिट हुई थी, उनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि 👏🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, 19 मई 1938 को मशहूर लेखक-निर्देशक-अभिनेता *गिरीष कर्नाड* जी का जन्म महाबलेश्वर में हुआ, उनकीं प्रारंभिक शिक्षा मराठी मे हुई उनका परिवार कारवार बसने से आगे पढाई कन्नड़ मे की, उन्होंने चैन्नई यूनिवर्सिटी में सात साल काम कीया था, 1970 मे कन्नड़ फिल्म *संस्कार* से उन्होंने अपनी फिल्मी कारकीर्द शुरू कीं थी, उन्हें 1974 पद्मश्री 1992 पद्मभूषण से नवाजा गया था, संगीत नाटक अकादमी के वह अध्यक्ष रहे, उनके स्मृति को अभिवादन करतें है 👏🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, आज के दिन 21 मई 1991 को *आधुनिक भारत के निर्माता जिन्होंने C.Dot & PCO कीं शुरुआत की राजीवजी गांधी* की हत्या *आतंकी संगठन लिठ्ठे* ने तमिलनाडु के *श्रीपेरंबदुर* मे कीं, हम उनकी यादगार में *श्रद्धांजलि* अर्पित करतें 👏👏👏🌹है और *कोरोना व्हायरस* से बचने के लिए प्रार्थना करते हैं...... 🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, कल *21 मई को मुंबई का 338 वा सालगिरह* हुआ, *21 मई 1662* को इंग्लैंड का राजपुत्र *चार्लस् दुसरा* कीं *शादी* पोर्तुगाल की राजकन्या *कैथरिन ऑफ ब्रॅगांझा* से हुई, उस वक्त पोर्तुगाल ने इंग्लैंड को *दहेज (आंदण)* मे 7 बेट का समुह *Mombaym* दी, बादमे इंग्लैंड ने *ईस्ट इण्डिया कंपनी* को यह 7 बेट का समुह *Bombaim* हर साल 10 *पौण्ड किराया* से दिया.... *I Love My Mumbai♥️💕* 🤠😂 *Happy Birthday Mumbai 🕯🌹*🌹
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23.05.2020
सुप्रभात 👏🙏🎩,
*"गोपाल शर्मा यांचे दुःखद निधन!"*😭😭
*गोपालजी हे 'रेडीओ सिलोन'वरचे एक महान 'उद्घोषक' होते.* पन्नास आणि साठच्या दशकात रेडीओ सिलोनला लोकप्रियतेच्या चरमसीमेवर पोहोचवण्यात त्यांचा महत्वाचा वाटा होता. त्या काळातली गाणी सुंदर होतीच. अर्थात, ती 'इतर केंद्रांवरुनही' वाजत होती. पण सिलोन रेडीओला जी अद्भुत जनप्रियता लाभली त्याचं महत्वाचं कारण म्हणजे गोपाल शर्मा, दलजितसिंग परमार, विजयकिशोर दुबे, मनोहर महाजन, विमल कश्यप, ज्योती परमार , पद्मिनी परेरा यासांरखे सर्जनशील निवेदक आणि कार्यक्रम 'पेश करण्याची' त्यांची अनोखी शैली. नुसती एकापाठोपाठ एक छानछान गाणी लावणं हे फारच सोपं काम आहे. परंतु अत्यंत कल्पक असे कार्यक्रम तयार करुन, ही गाणी अतिशय आकर्षक सूत्रात गोवण्याची कला सिलोनच्या या निवेदकांना साध्य झाली होती. या सा-यांची आपल्या श्रोतृवर्गावर एवढी हुकुमत होती की, "हम जल्दी वापस आएंगे, आप कही जाइयेगा मत", अशी विनवणी करायची आवश्यकताच त्यांना कधी भासली नाही. 'जब आप गा उठे', 'दृश्य और गीत', 'अनोखे बोल', 'बदलते हुए साथी', 'बहनोंकी पसंद', 'जाने पहचाने गीत', 'साज और आवाज', 'हमेशा जवाँ गीत', 'पुरानी फिल्मों का संगीत', 'ये भी सुनीये' असे अनेक कल्पक कार्यक्रम या मंडळीनी तयार केले. अमीन सायानींची 'बिनाका गीतमाला' ऐकणं हा तर रसिकतेचा मानदंडच समजला जावू लागला. 'रेडीओ श्रवणानंदाचं सुवर्णयुग' या लोकांनी घडवलं आणि रसिकांना अभिरुचीसंपन्न बनवलं. 'गाणी ऐकणं' हे केवळ 'वेळ घालवण्यापुरतं मनोरंजन' न राहता, त्या आस्वादनाला अभिजाततेचं कोंदण लाभलं.
*'गोपाल शर्मा' यांनी काही खास शब्द वापरात आणले. *आवाज की दुनियाके दोस्तो* हा शब्दप्रयोग त्यांचाच. (त्यांच्या आत्मचरित्राचं नावही हेच आहे. ) *शुभाशिष', 'शुभरात्री', 'बंधूवर' हे शब्दही त्यांनीच प्रथम रेडीओवर आणले*.
आज सकाळी, वयाच्या 89 व्या वर्षी, मुंबई येथे त्यांना देवाज्ञा झाली. त्यांच्या कलासक्त व्यक्तित्वाच्या स्मृतीस नम्र अभिवादन 👏🙏🏻🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, 24 मई 2000 फिल्म जगत के मशहूर शायर *मजरूह सुल्तानपुरी* जी का देहान्त *मुंबई* मे हुआ, उन्हे *श्रद्धांजलि अर्पित करते है* 🌹👏, उनका जन्म यु.पी. के आजमगढ़ जिल्हे के सुल्तानपुर में हुआ, उनका पढाई मे ध्यान नही था गुजारेके लिए वह दवाईया बनाने सीखें और हाकिम का काम करनें लगे यह काम करते करते वोह शायरी करने लगे, उन्हें उस जमाने के मशहूर निर्माता-निर्देशक *करदार* जी ने पहला मोका दिया, उनके गाने भावपूर्ण और रोमँटिक रहते थें, 1993 मे वह *दादा साहब फालके* पुरस्कार हासिल करने वाले पहले शायर थे, उन्हें 1965 मे *फिल्म फेअर अवार्ड* मीला था, भारत सरकार ने उनका *पोस्ट टिकट* निकालकर सन्मानित कीया था... 🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, 24 मई 1955 को मशहूर संगीतकार *राजेश रोशन* लाल नागराह का जन्म मुंबई में हुआ,उनके पिताजी *रोशन* जी बडे संगीतकार थे इसलिए घर में संगीतमय वातावरण था और आने वाले लोगों की सेवा छोटा *राजु* करता था, अभिनेता निर्माता निर्देशक *राकेश रोशन* उनका बडा भाई, पिता के देहान्त बाद उनकी माँ ने परिवार के दोस्त *शायर आनंद बक्शी* जी को राजु के काम के बारेमें कहा, बक्शी जी ने उन्हें *आर डी बर्मन, कल्याणजी-आनंदजी और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल* जी के यहाँ *म्यूजिक कंपोजर* का काम दिया, सबसे जादा काम उन्होंने लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के पास कीया, उन्हें संगीत देने का पहला मोका दिया *हरफनमौला मेहमूद* जी ने 1974 अपनी फिल्म *कुवाँरा बाप* मे, आगे की उनकी *ज्युली वगैरा* सभी फिल्मे कामयाब रही, उनका यह अनोखा गाना सुनते है... यह गाने मे *मेहमूद* के पिता *मुमताज अली* जीने काम कीया है, मुझे याद है उस वक़्त मैने जीस जीस ऑर्केस्ट्रा में काम कीया वहाँ देखा यह गाने को लोगों ने बहुत पसंद कीया और पैसा भी इनाम में बहुत फेका.... 👏🌹
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सुप्रभात 👏🙏🎩, 25 मई 1998 को संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जोडी के *लक्ष्मीकांत* शांताराम कुडालकर जी का देहान्त मुंबई में हुआ, उनका बचपना मुंबई - विलेपार्ले में गुजारा उनके पिता जी का देहान्त होंने से कम उम्र में बडे भाई और उनके उपर परिवार की जिम्मेदारियां आई, बडे भाई ने उन्हें मशहूर *मेंडोलीन वादक हुसैन अली* जी के पास भेजा और खुद तबला वादन सीखें,बादमे लक्ष्मीकांत जीने उस वक़्त कीं मशहूर संगीतकार जोडी *हुस्नलाल-भगतराम* के हुस्नलाल जी के पास *व्हायोलिन* बजाना सीखा,10 साल की उम्र में उन्होंने *लता जी* के कार्यक्रम मे *मेंडोलीन* बजाया उनका वादन सुनके लताजी ने उन्हें अपने परिवार का सदस्य बनाया वहाँ उनकी पहचान *प्यारेलाल* शर्मा जी से हुई, दोन्होंकी पहचान लताजी ने और संगीतकारोंसे कराई सिर्फ ओ पी नय्यर और शंकर जयकिशन जी छोडकर दोनों ने सभी के साथ काम कीया था,उन्होंने पहला काम फिल्म *भक्त पुंडलीक* मे कीया सिलसिला शुरू हुआ और 1963 मे उन्होंने खुद संगीतबद्ध की हुई फिल्म *पारसमणि* जबरदस्त हीट हुई, 1963 से 1998 तक यह जोडी ने *635* फिल्म को संगीत दिया यह फिल्मे उनके संगीत के वजह से हिट हुई थी *(दोस्ती,मिलन वगैरा)* उनके *स्मृति को श्रद्धांजलि* 👏🌹... 🌹🌺
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सुप्रभात 👏🙏🎩, 29 मई 2007 भजन गायक मराठी और हिंदी फिल्म संगीतकार *स्नेहल भाटकर* तथा *व्ही.जी.भाटकर बुवा* जी का देहान्त मुंबई में हुआ, उन्हें *श्रद्धांजलि👏🌹अर्पित* करते हैं, बचपनमे पिताजी गुजरने के बाद उनके माताजी ने स्कूल मास्टर की नौकरी करके उन्हें पढाया, उनकी आवाज़ अच्छी थी *दादर प्रभादवी* मोहल्ले मे *विश़्वंभर प्रासादिक भजन मंडळी* माध्यम से उनके *एकनाथ बुवा हातीसकर,फुलाजी बुवा,केसरीनाथ भाये* जीं के साथ बडे बडे *जलसे* होते थे, यह करके वो *हिज मास्टर व्हाईस कं.* मे वोह *हार्मोनियम वादक* की नौकरी करके थे, HMV ने उन्होंने गायें हुवे *भजन अभंग गौळण* कीं *रेकॉर्ड्स* निकाली, वह *संगीतकार* 1947 मे बने *सुधीर फडके* जी और उन्होंने मिलके *रुक्मिणी स्वयंवर* फिल्म को संगीत दिया था, उनके संगीत मे शास्त्रीय बाज था उन्होंने *गीता दत्त,शमशाद बेगम,राज कुमारी, लता आशा जी,मुबारक बेगम, सुमन कल्याणपूर,तलत मेहमूद,मुकेश,हेमंत कुमार,सुरेश वाडकर जी* से गाने गवाके लिए, उन्हें *लता मंगेशकर पुरस्कार* और *कालिदास पुरस्कार* से नवाजा गया था अॅक्टर *रमेश भाटकर* उनका सुपुत्र था और *मुंबई उच्च न्यायालय की रिटा.न्यायाधीश मृदुला भाटकर* उनकी बहु है .....👏👏👏🌹
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